मजदूरों की आवाज अगर बुलंद हो पाती तो वे बीजेपी और कांग्रेस से कहते बस करो ! बसें चल नहीं रही हैं भला किसी का नहीं हो रहा है लेकिन इन बसों पर पिछले तीन दिनों से जमकर राजनीति हो रही है. सवाल उठता है कि कांग्रेस ने पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ऐसी कोशिश क्यों नहीं की वहीं योगी सरकार बसों की फिटनेस पर इतना जोर क्यों दे रही है ? क्या दोनों पार्टियों के बीच बस चलाने का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है ?