इस बात को मैं पहले भी कह चुका हूं, लिख चुका हूं कि 2019 में जो हो सकता है उसका एक माहौल एक तस्वीर 2018 में आना शुरु हो गई है. क्योंकि अक्सर देखा गया है कि अगर हम अतीत के चुनाव को देखें तो चुनाव से एक साल पहले ही माहौल बन जाता है.
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