2019 में जब केंद्र में दोबारा मोदी सरकार आई तो माना गया था कि 2014 की तर्ज पर हरियाणा और महाराष्ट्र में ना केवल कमल खिलेगा बल्कि 200 और 75 से ज्यादा सीटें आएंगी. बीजेपी को खुद भी कुछ ऐसी ही उम्मीद थी. लड्डू बंट गए थे, एक रात पहले ही प्रचंड बहुमत के पोस्टर लग गए थे. लेकिन नतीजे के बाद का खेल एक अलग ही राग पकड़े हुए है. नतीजों के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं. बीजेपी जीती तो है लेकिन उसे प्रचंड बहुमत नहीं मिला. हरियाणा में उसे निर्दलियों को लाठी बनाना पड़ रहा है. उधर महाराष्ट्र में शिवसेना के सुर रिजल्ट के बाद कड़े हो गए हैं. शिवसेना ने कहा है कि सत्ता का खेल 50-50 में बंटेगा. वहीं एनसीपी ने महाराष्ट्र में खुद को नए तरीके से परिभाषित किया है.
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