प्रकाशित: जुलाई 11, 2018 10:00 PM IST | अवधि: 16:02
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377 से भारत में समलैंगिकता पर करीब 150 सालों से प्रतिबंध है और समलैंगिकता को अपराध माना जाए या नहीं. ये फ़ैसला केंद्र सरकार ने आज पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया है. सरकार ने कोई स्टैंड न लेते हुए कहा कि कोर्ट ही तय करे, लेकिन अगर सुनवाई का दायरा बढ़ता है तो सरकार अपना पक्ष रखेगी. उधर सुनवाई के दौरान अलग-अलग जजों ने कहा कि दो बालिगों के बीच आपसी सहमति से बने रिश्तों को ज़ुर्म नहीं माना जाना चाहिए.