कांवड़ यात्रा में भक्ति के अलावा भी कई रंग देखने को मिलते हैं. यात्रा के दौरान कई लोग गांजा पीते दिखाई दिए. उनका कहना है कि गांजा पीना मना है लेकिन सावन में सब छूट है. इससे उन्हें 10 किमी तक बिना रुके चलने की ताकत मिलती है. कई लोग कांवड़ यात्रा के दौरान चरस पीते भी दिखाई दिए. यूपी और उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा के लिए बड़े इंतजाम करती है लेकिन फिर भी कई नियमों की अनदेखी की जा रही है. दिल्ली हरिद्वार हाईवे पर तो कांवड़ियों के लिए किन्नरों के नाच का भी कार्यक्रम रखा गया. ऐसे में यात्रा में शामिल लोगों की मौलिकता पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
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