यूपी में बीजेपी की जीत पर जितनी समीक्षाएं छपी हैं, उससे कम योगी के एलान के बाद नहीं छपी हैं. हर घंटे योगी की समीक्षा करता हुआ एक लेख अवतरित हो रहा है. इन लेखों में योगी के पुराने बयानों का हवाला दिया जा रहा है. स्त्री विरोधी बयान, अल्पसंख्यक विरोधी बयान. उतनी ही तेज़ी के साथ योगी को मुस्लिम हितैषी बताने वाले किस्से भी सामने आ रहे हैं. कैसे मंदिर परिसर में मुसलमानों की दुकाने हैं, कैसे मुसलमान उनके करीबी हैं.
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