बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले और पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि हर बच्चा जिसे बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया जाए वो सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत पुनर्वास का कानूनी हकदार हो। उन्होंने कहा, अगर ऐसे बच्चों को मौका दिया गया तो वे किसी भी अन्य बच्चे से बेहतर कर सकते हैं।
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