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कृषि कानूनों में बदलाव के खारिज प्रस्ताव की जगह केंद्र ठोस प्रस्ताव भेजे तो वार्ता पर विचार

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किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार निरर्थक संशोधनों के खारिज प्रस्ताव को दोहराने की बजाय कोई ठोस लिखित प्रस्ताव भेजें ताकि दोबारा वार्ता शुरू की जा सके. किसान नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा है कि सरकार समझ नहीं पा रही है कि वे क्यों कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि कृषि कानूनों पर संशोधन हमें स्वीकार नहीं हैं. यादव ने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधनों का लिखित कुछ भी नहीं दिया गया. केंद्र के प्रस्ताव में आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लेख भी नहीं है. किसानों का कहना है कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर जो भी लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसान संगठन (Farmers Protest) एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. किसानों ने बिजली संशोधन बिल (Electricity Bill) भी सरकार के प्रस्ताव को भी अस्पष्ट बताया है.



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