महंगाई एक दोधारी तलवार की तरह हो गई है. फुटकर और थोक महंगाई में खाने पीने की चीज़ों के दामों में गिरावट से कमी आई है.जिससे आम लोग तो ख़ुश हैं.लेकिन किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
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