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कमजोरी को ताकत बनाने का नाम है फिल्म 'हिचकी'

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फिल्म 'हिचकी' की कहानी है नैना माथुर की जो बचपन में 12 स्कूलों से निकाली गई है और बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती है लेकिन 18 स्कूलों ने उसे टीचर की नौकरी नहीं दी क्योंकि उसे टॉरेट सिंड्रोम है. यानी वह अजीब- अजीब तरह की आवाजें निकालती है.आखिरकार नैना को उसी स्कूल में टीचर की नौकरी मिलती है जहां उन्हें पढ़ाई करने का मौका मिलता है लेकिन यहां उन्हें उस क्लास में पढ़ाना है जिसमें जुग्गी झोपड़ी के बदमाश बच्चे पढ़ते हैं. उस क्लास में कोई भी शिक्षक ज्यादा दिन टिक नही पाता.



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