गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में आख़िरी समय पर लाखों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हो गए और इसके चलते अब चुनाव आयोग पर सवाल उठ रहे हैं।
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