पुलवामा के शहीदों में 48 साल के असम निवासी मानेश्वर बसुमात्री भी रहे. उनके परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं है. 25 साल की नौकरी में तीन बार कश्मीर में उनकी पोस्टिंग हुई. भूटान की सीमा के अतिपिछड़े गांव के वह रहने वाले थे.
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