नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में लोगों के पहुंचने के सिलसिला जारी है. गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर शाहीन बाग पहुंची. इस दौरान उन्होंने एनडीटीवी से भी खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि देश में नागरिकता कानून 1955 से बना हुआ है, और इस कानून में किसी तरह के संसोधन कोई जरूरत नहीं थी. मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि इस नए कानून से भी देश में हो रहे घुसपैठ की घटनाएं नहीं रुकेंगी.
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