झारखंड के दुमका में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने नागरिकता कानून को लेकर कहा कि तीन देशों से हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध उनको वहां से अपना गांव, घर, परिवार सबकुछ छोड़कर भारत में भाग कर यहां शरणार्थी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ा. उनके जीवन को सुधारने के लिए, इन गरीबों को सम्मान मिले इसलिए भारत की दोनों सदनों में भारी बहुमत से इन गरीबों के लिए नागरिकता का निर्णय किया. कांग्रेस और उसके साथी तूफान खड़ा कर रहे हैं, उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं. ये जो आग लगा रहे हैं, ये कौन है उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है. देश का भला करने की, देश के लोगों का भला करने की इन लोगों से उम्मीद नहीं बची है. ये सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं.'
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