प्राइम टाइम इंट्रो : कितनी बेहतर हैं सरकार की बीमा योजनाएं?
प्रकाशित: मई 12, 2015 09:12 PM IST | अवधि: 6:59
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रेडियो टीवी पर बीमा की शर्तों को दनदनाकर पढ़ते हुए सुनने से हमेशा लगता है कि बीमा तो बस ले लेने का मैटर है, समझने का चैप्टर नहीं है। शर्तें लागू को इस तरह से पढ़ा जाता है कि अगर दुर्घटना से बच भी गए तो इन शर्तों से मारे जाएंगे।