जेएनयू हो या फिर दिल्ली विश्वविद्यालय, यहां देशद्रोह का मामला विवाद की जड़ रहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सिर्फ कहने या बोलने भर से देशद्रोह का मामला नहीं बनता है.
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