नौकरियों और प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकारें बाध्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट
प्रकाशित: फ़रवरी 09, 2020 12:30 PM IST | अवधि: 0:52
Share
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिए अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में इस बात का जिक्र किया कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए कोटा और आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यों को कोटा प्रदान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और राज्यों को सार्वजनिक सेवा में कुछ समुदायों के प्रतिनिधित्व में असंतुलन दिखाए बिना ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. उत्तराखंड सरकार के लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण पर अपील पर दिए गए एक फैसले में अदालत ने कहा कि कोई मौलिक अधिकार नहीं है, जो इस तरह के दावों के लिए अनुमति देता है.