किसान नेताओं ने आज मीटिंग के बाद मीडिया को बताया, 'केंद्र सरकार ने पहले सिर्फ़ पंजाब के किसानों को बुलाया था, हमने चार नुमाइंदों की समिति का प्रपोज़ल ठुकराया ताकि और किसानों को भी बुलाया जाए. योगेंद्र यादव के नाम पर सरकार को ऐतराज था. सरकार ने दिखाने की कोशिश की ये सिर्फ़ पंजाब के किसानों का आंदोलन है. सरकार ने हमें बांटने की कोशिश की.हमने मिलकर निर्णय लिया है कि कल फिर इन्हें लिख कर देंगे. हम चाहते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द करें.'
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