अगर सरकार प्रदूषण रोकने की तरह कारों की माइलेज बेहतर करने के मानक लागू करती, तो करोड़ों डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत होती, लेकिन कार लॉबी के दबाव में इन मानकों को लटकाए रखा गया है।
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