एक तरफ़ कई इलाक़ों में कमज़ोर और अटका हुआ मॉनसून किसानों और किसानी का बड़ा संकट बन गया है तो दूसरी तरफ़ बाढ़ ने फ़सलें डुबो दी हैं. इन हालात में किसान मुआवज़ा मांग रहे हैं. बारिश नहीं हो रही तो किसानों को खरीफ फ़सलों की बुआई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा. नतीजा, बुवाई का क्षेत्र घट गया है. कृषि मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले 12 जुलाई 2019 तक चावल की बुआई 12.11 लाख हेक्टेयर घटी है और दलहन की बुआई 11.51 लाख हेक्टेयर कम हुई है. अगर सभी खरीफ फसलों की बुआई को देखें तो गिरावट और बड़ी हो जाती है. पिछले साल के मुकाबले 12 जुलाई 2019 को खरीफ फसलों की बुआई 452.30 लाख हेक्टेयर से घटकर 413.34 लाख हेक्टेयर रह गयी है, यानी 38.96 लाख हेक्टेयर की गिरावट.
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