प्राइम टाइम: सरकार की नाक के नीचे घोटाला कैसे हुआ ?
प्रकाशित: फ़रवरी 15, 2018 09:00 PM IST | अवधि: 32:58
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किसी एक बैंक से, उस बैंक की एक शाखा से, उस शाखा से किसी एक आदमी को, उस आदमी की तीन कंपनियों को 11,300 करोड़ का लेटर ऑफ इंटेंट मिल जाए, चार पांच साल बाद फ्रॉड हो जाने के बाद बैंक को ही पता चलता है 11,300 करोड़ का फ्रॉड हुआ है ऐसा चमत्कार जम्बूद्वीपे भरतखण्डे आर्यावर्त ऐक देशांतर्गते में ही हो सकता है. बैंकिंग की दुनिया में कुछ नहीं बहुत कुछ गड़बड़ है. यहां के लाखों कर्मचारी से पूछिए जो अपनी सैलरी के बढ़ने का इंतज़ार कर रहे हैं, जो घंटों घंटों काम कर रहे हैं, मगर डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं. उनकी सैलरी बढ़ नहीं पा रही है, काम के बोझ से बीमारी बढ़ती जा रही है.