रवीश कुमार का प्राइम टाइम: क्या सरकार के दबाव में है भारतीय रिज़र्व बैंक?
प्रकाशित: अगस्त 27, 2019 09:00 PM IST | अवधि: 34:20
Share
भारतीय रिज़र्व बैंक 1 लाख 76 हज़ार 51 करोड़ रुपये भारत सरकार को देगा. यह पैसा रिज़र्व बैंक की आकस्मिक निधि और सरप्लस का है जिसे अंग्रेज़ी में कंटीजेंसी फंड कहते हैं. 1949 में भारतीय रिज़र्व बैंक अपने मौजूदा स्वरूप में आता है, और तब से लेकर आज तक उसके इतिहास में इतना पैसा कभी रिजर्व बैंक से भारत सरकार को नहीं गया है. चीन के साथ युद्ध के वक्त रिज़र्व बैंक की आकस्मिक निधि से पैसा लिया गया था लेकिन यह पैसा है उसके बारे में क्यों कहा जा रहा है कि यह रिज़र्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब इतना पैसा आकस्मिक निधि से निकाल कर सरकार को देने का फैसला किया गया है. वैसे भी इस साल के बजट में उम्मीद जताई गई थी कि रिज़र्व बैंक 90,000 हज़ार करोड़ रुपया मिलेगा लेकिन उससे भी 86000 करोड़ अधिक रुपया आने वाला है. मतलब सरकार ने जितना मांगा उससे भी अधिक। इस सदी का हिसाब देखते हैं.