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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्या बैंकों में पैसा सुरक्षित है? PMC बैंक की घटना के सबक क्या हैं

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भारत के चोटी के दस कोपरेटिव बैंक में से गिने जाने एक बैंक की खबर ने उसके खाताधारकों को सड़क पर उतार दिया है. जैसे ही खबर आई कि रिज़र्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक को अपनी निगरानी मे ले लिया है और आदेश दिया है कि पीएमसी बैंक के खाताधारक 6 महीने में अपनी कुल जमा राशि का मात्र 1000 रुपये ही निकाल सकते हैं. अगर आपको पता चले कि आप अपने अकाउंट से छह महीने में एक ही हज़ार निकाल सकते हैं तो आप टीवी पर हिन्दू मुस्लिम डिबेट देखेंगे, आज कल पाकिस्तान पर डिबेट देखेंगे या बैंक के ब्रांच की तरफ भागेंगे. वही हुआ. जैसे ही यह खबर लोगों तक पहुंची, वे ब्रांच की तरफ भागने लगे. उनके होश उड़ गए कि कहीं सारा पैसा डूब तो नहीं गया. मुंबई में इस बैंक के ब्रांचों के बाहर लोग टूट पड़े. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और पालघर में 81 ब्रांच हैं. लोग बैंक पहुंच कर हंगामा करने लगे कि उनका पैसा वापस मिले. कई लोगों के इसी बैंक में अकाउंट हैं. छह महीने में अगर एक हज़ार ही निकाल सकेंगे यह सोच कर इन पर क्या बीत रही होगी. पंजाब एंड महाराष्ट्र कोपरेटिव बैंक के सात राज्यों में ब्रांच हैं. गोवा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध प्रदेश और कर्नाटक में इसके ब्रांच हैं. मुंबई इसका मुख्यालय है. 50000 से अधिक इसके खाताधारक हैं. मार्च 2019 तक पीएमसी बैंक में 11,600 करोड़ जमा था. लोग कोपरेटिव बैंक में इसलिए भी पैसा रखते हैं क्योंकि वहां ब्याज़ अधिक मिलता है. इसलिए ब्याज़ दर देखने के साथ-साथ यह भी देख लीजिए कि इस बैंक की वास्तविक स्थिति क्या है. लेकिन आम आदमी पर यह ज़िम्मेदारी कैसे दी जा सकती है. ऐसे बैंक जब सरकार के नियमों के तहत खुलते हैं तो सरकार और बैंक की ज़िम्मेदारी बनती है वे ग्राहक को न ठगे.



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