पहले ये साफ़ कर दें कि ममता बनर्जी या किसी भी नेता की फ़र्ज़ी तस्वीर लगाने का हम बचाव नहीं कर सकते. खासकर अगर वो अश्लील है या धार्मिक तनाव पैदा करने के मकसद से किया गया हो और कोई करे भी तो लोगों में इतनी समझ होनी चाहिए कि वे ऐसी बातों को दिल पर न लें. तनाव न भड़काने में शामिल न हो. लेकिन हंसी मज़ाक और चुनावी चकल्लस के लिए ऐसी चीज़ों से किसी को इतनी दिक्कत हो जाए कि जेल भिजवा दे तब तो उसका पूरे दम से विरोध करना चाहिए.