भारत के सूचना व प्रसारण मंत्री भले ही पुश अप करने में दुनिया में नंबर वन हो जाएं मगर प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत का स्थान काफी नीचे है. 180 देशो में 138 वें नंबर. पिछले साल से इस साल दो पायदान और नीचे आ गया. दुनिया भर में नफरत की भाषा और सोच को लेकर चिन्ता जताई जा रही है, शोध हो रहे हैं, इसे रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. भारत में हम अभी तक यही कहते रहते हैं कि इन पर ध्यान नहीं देना चाहिए. इस बीच हमारे ध्यान न देने का लाभ उठाकर इनकी पूरी फौज तैयार हो गई है. जिन ट्रोल को हम अनजान समझते थे, कंप्यूटर पर नकली आई डी से बनी सेना समझते वो अब अपना नकाब उतार चुकी है. वह तरह तरह के ऐसे संगठनों के सदस्य के रूप में सामने आ रहे हैं जिनके आगे कभी हिन्दू तो कभी गौ रक्षा तो कभी सनातन लिखा है.
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