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प्रकृति का आभार प्रकट करने का पर्व 'फूलदेई'

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क्या हम अपने पारंपरिक त्योहारों को भूलते नहीं जा रहे? वो तो सोशल मीडिया है जो इन त्योहारों की झलक अब हमें गाहे बगाहे दिख जाता है वर्ना सालों की परंपरा से हासिल ऐसी कई क़ीमती चीज़ें हम भूलते जा रहे हैं जो हमें प्रकृति और इंसानियत के क़रीब लाती हैं. उत्तराखंड में ऐसा ही एक पर्व है फूलदेई जो चैत्र की संक्रांति को मनाया जाता है. इस दिन गांवों के बच्चे सुबह सवेरे जंगल से फूल चुनकर लाते हैं और लोकगीत गाते हुए घरों की देहरी पर सजाते हैं. बदले में उन्हें दक्षिणा मिलती है. ये बसंत का उल्लास मनाने का खूबसूरत त्योहार है. उत्तराखंड में कुछ उत्साही युवकों के एक ग्रुप पांडवाज़ ने इसपर एक शानदार वीडियो बनाया है, जो अंत में ये बताते हुए ख़त्म होता है कि अपनी बेइंतहा ख़ूबसूरती के बावजूद उत्तराखंड के गांव कैसे खाली हो रहे हैं. आप भी देखिए... सौजन्य: पांडवाज, उतराखंड और डोभाल बर्दर्श



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