रवीश कुमार का प्राइम टाइम: पुलिस के पहरे के बीच उपजी प्रतिरोध की नज्में
प्रकाशित: जनवरी 22, 2020 09:30 PM IST | अवधि: 8:56
Share
दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज़ पर पुराने लखनऊ के हेरिटेज ज़ोन में बने घंटाघर पर महिलाओं का धरना कई दिन से जारी है. खुले आसमान के नीचे चौबीसों घंटे चल रहे इस धरने में सिविल नाफ़रमानी भी है, रचनात्मक नारे भी, कलात्मक पोस्टर भी हैं और सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ बेचैनी से उपजी नज़्में भी.इस कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठी महिलाओं और लड़कियों के चारों ओर पुलिस का पहरा है और ये पहरा उनके संकल्प को और मज़बूत बना रहा है, प्रतिरोध की नई नज़्मों को जन्म दे रहा है.