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प्राइम टाइम : क्या पत्रकारिता अपनी साख खोती जा रही है?

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हिन्दी में संदेहवादी ही उचित शब्द है मगर मुझे प्रश्नवादी बेहतर लगता है. पत्रकार को प्रश्नवादी होना चाहिए. ओबामा के इस कथन के ढाई महीना पहले सुदूर भारत में भी ठीक यही बात अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के संपादक राजकमल झा ने भारत के प्रधानमंत्री के सामने कही थी. उनके सामने कहे जाने से इस बात का वज़न थोड़ा अधिक हो जाता है क्योंकि उन्होंने सत्ता के शिखर पुरुष के सामने सवाल पूछने के अपने अधिकार को दोहराया था.



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