दिल्ली सरकार के दावों पर उठे सवाल, एक बार खाने के लिए भी तरस रहे हैं लोग
प्रकाशित: अप्रैल 13, 2020 09:33 PM IST | अवधि: 6:52
Share
अचानक से हुए लॉकडाउन ने मजदूरों को संभलने का मौका नहीं दिया. उत्तराखंड के नैनीताल के एक गांव के रहने वाली 22 साल की महक ने आठ दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया है. उनके पास न अस्पताल जाने के पैसे थे न साधन. महक के पति पुरानी दिल्ली के टाउनहॉल इलाक़े में एक बिल्डिंग में मज़दूरी करते थे लॉकडाउन के कारण सबकुछ बंद है. महक बताती हैं दो दिन में बस एक बार ही खाना नसीब होता है. ज़मीन पर लेटी अपनी बेटी को देख गोपाल के आंसू नहीं रूकते. महक बात करते-करते बार बार भावुक हो जाती हैं कहती हैं कि दूध ही नहीं उतर रहा है क्योंकि सुबह से बस एक मुठ्ठी चावल खाया है. यह खबर सिर्फ महक की ही नहीं है. ऐसी कई कहानी है.