जब भी फुटबॉल का विश्वकप होता है भारतीय टीवी चैनलों में हमेशा एक चेहरा नजर आता रहा है और वो हैं नोवी कपाड़िया. नोवी 1980 से अब तक 9 विश्वकप कवर कर चुके हैं. लंबे वक्त तक नोवी अखबारों और पत्रिकाओं में कॉलम लिखते रहे हैं. करोड़ों दर्शकों और पाठकों तक पहुंचे हैं. वे फुटबॉल पर 6 किताबें लिख चुके हैं. नोवी दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज में 41 साल पढ़ा चुके हैं. लेकिन रिटायर होने के 31 महीने बाद भी उन्हें पेंशन सेंक्शन नहीं हुई है. नोवी बीमारी के कारण चल फिर भी नहीं सकते हैं.
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