अमेरिकी लोकतंत्र के लिए यह शर्मनाक दिन है. लेकिन भागती, दौड़ती और हिंसा करती हुई एक और भीड़ के लिए अलावा यह कुछ भी नहीं है. ये रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक नहीं है, बल्कि डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक हैं. इन्हें पार्टी से एक नेता के समर्थक के रूप में बदला गया. अमेरिकी संसद में ही नहीं बल्कि उस देश के कई हिस्सों में ऐसा ही नजारा देखा गया. भारत में बैठकर इसे देखते हुए आप सिर्फ अमेरिका की घटना मान कर नहीं सकते. दुनिया के कई हिस्सों में समर्थकों के नाम पर ऐसी भीड़ तैयार की जाती है. यहां भी वहां भी... आपको यहां हो चुकी ऐसी घटना और ऐसी घटनाओं की आशंकाओं के बारे में सोचना पड़ जाएगा.
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