26 नवंबर को आम हड़ताल है. इसमें सरकारी कर्मचारी, मजदूरों के संगठनों के साथ-साथ किसान भी शामिल हैं. अगर दिल्ली तक आने दिया गया तो पंजाब-हरियाणा से काफी संख्या में किसानों के आने की संभावना है. यह भी ध्यान देने लायक है कि दिल्ली में 1 नवंबर से लेकर 24 नवंबर तक कोरोना से 2110 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. तब किसानों को यह बताना होगा कि नेताओं को रैली करने की अनुमति किस कानून के तहत दी गयी थी. ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार की तीन कृषि कानूनों को लेकर सिर्फ पंजाब और हरियाणा में ही विरोध हो रहा है. नए कानून के अनुसार किसान कॉरपोरेट से अपनी शर्तों पर समझौता करेगा ऐसा सरकार की तरफ से दावा किया गया है.
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