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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : दिल्ली दंगा - चेहरा पहचानने की टेक्नॉलजी क्यों ख़तरनाक है?

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फ़ेस आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर, लोकसभा में दिल्ली दंगों पर चर्चा का जवाब देते हुए जब गृहमंत्री अमित शाह ने इसका नाम लिया तो कुछ सदस्य सन्न रह गए. उनसे ज्यादा सन्न हो गए इस टेक्नॉलजी की जानकारी रखने वाले लोग. चीन को छोड़ कर दुनिया भर में इस टेक्नॉलजी को लेकर एक राय नहीं है. तमाम संभावनाओं के बीच इसकी आशंका हावी है कि यह टेक्नॉलजी लोकतंत्र में आप नागरिकों के जनता होने के अधिकार और उसकी संभावनाओं को खत्म कर देगी. जनता सिर्फ मतदान करने के लिए नहीं होती है, वह अलग-अलग मुद्दों पर सरकार से अलग राय रख सकती है और इस राय के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हो सकती है. यह करना उसके लिए ज़रूरी होता है क्योंकि इसे करते हुए ही वो जांच करती है कि लोकतंत्र में उसे जनता होने का अधिकार है या नहीं, स्पेस है या नहीं.



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