रवीश कुमार का प्राइम टाइम: क्या कोरोना संकट में आंकड़ों की बाजीगरी ज्यादा ?
प्रकाशित: अगस्त 12, 2020 09:00 PM IST | अवधि: 37:19
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कोरोना महामारी के विश्लेषण के लिए कई दिनों से कई तरह के रेट चल रहे हैं. इन रेट का मुख्य काम है महामारी को छोटा दिखाना, जैसे ही महामारी बड़ी दिखने लगती है एक नया रेट आकर उसे छोटा दिखाने लगता है. पहले कहा गया कि कोरोना मामलों के डबल होने का रेट भारत में कम है, इसके बाद एक्टिव मामलों का रेट देखने को कहा गया. इसके बाद रिकवरी रेट की दलील दी गई.