रवीश कुमार का प्राइम टाइम: लाखों प्रवासी मजदूर घर लौटने को मजबूर
प्रकाशित: मई 06, 2020 09:45 PM IST | अवधि: 4:29
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जिन रास्तों पर कभी किसानों का लॉग मार्च निकला था और लोगों ने अपने घरों से बाहर आकर किसानों को खाना खिलाया था. उन्हीं रास्तों पर सोहित मिश्रा देख रहे हैं समाज और सिस्टम की बेरुखी. बहुत कम लोग उन्हें मिले जो लोगों को खाना खिला रहे थे. गर्भवती महिलाएं भी पैदल चलने वालों में शामिल हैं. उनकी भी हालात बुरी है. उनके पास भी खाने के लिए पौष्टिक आहार नहीं है. इसलिए आपको लगता होगा कि हम रोज एक ही कहानी दिखा रहे हैं. मगर मजदूर से पूछिएगा कि वह रोज-रोज चलने वाली इस कहानी को किन तकलीफ में दोहरा रहे हैं.