सरकार ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़ों को इस तरह पेश करती है कि रोज़गार बढ़ा है. 20 जुलाई को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने रोज़गार के कई आंकड़े दिए जिसमें ईपीएफओ का भी आंकड़ा था. अब प्रधानमंत्री ने लोकसभा में तो बोल दिया कि संगठित क्षेत्र में 45 लाख नौकरियां बनी हैं, लेकिन जब ईपीएफओ ने समीक्षा की तो इसमें 6 लाख नौकरियां कम हो गईं. क्या आपको किसी मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री ने 45 लाख बता दिया था यानी ज़्यादा बता दिया था मगर अब वह कम होकर 36 लाख हो गई है. क्या आपको सही संख्या बताई जा रही है. ईपीएफओ ने नौ महीनों के आंकड़ों की समीक्षा की है.
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