रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्या धारा 370 की धार खत्म करने से पहले कश्मीर की राय ली गई?
प्रकाशित: अगस्त 05, 2019 09:00 PM IST | अवधि: 41:29
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जम्मू कश्मीर और लद्दाख अब दो हिस्सों में बंट गया. पहले राज्य था अब केंद्र शासित प्रदेश हो गया. मुख्यमंत्री का पद समाप्त हो गया. राज्यपाल का पद समाप्त हो गया. दिल्ली की तरह उपराज्यपाल का पद होगा और पुलिस केंद्र सरकार के पास होगी. जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा. लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा. लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर संशोधन विधेयक 2019 पेश किया और बहस के बाद पास भी हो गया. इसे लोकसभा में पास कराना मुश्किल नहीं होगा. अब इसका विश्लेषण तीन पैमानों पर किया जा सकता है. प्रक्रिया, प्रतिक्रिया और प्रभाव. पहले प्रतिक्रिया पर आते हैं. शेष भारत में जश्न मनाते हुए इन तस्वीरें बता रही हैं कि कश्मीर को लेकर आम लोगों में एक छवि और समझ है. जो कई सालों से बनती चली आ रही है. इस समझ में भले ही तमाम बारीकियां न हों मगर बीजेपी और संघ लंबे समय से लोगों के मन में समझ बनाने में कामयाब रही कि धारा 370 के रहते कश्मीर भारत का पूरा हिस्सा नहीं है.