क्या आप वर्तमान समय में किसी भी दल के अध्यक्ष के बारे में जानते हैं जो बड़ी जीत के बाद भी वहां चला जाता है जहां उसे बड़ी हार मिली होती है. अमित शाह की जगह अगर कोई दूसरा अध्यक्ष होता तो कई महीने तक दिल्ली से ही नहीं निकलता. यह सही है कि आज की मीडिया में बीजेपी का ही पक्ष रहता है उसी के रंग में सवाल होते हैं, विपक्ष का मज़ाक उड़ाया जाता है लेकिन हार का कारण विपक्ष का आलस्य भी है. चुनाव कैसे लड़ा जा रहा है, लड़ने पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, इन सब बातों से भारत की जनता को कोई तकलीफ नहीं है.
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