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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : राहुल बजाज के बयान पर उद्योग जगत चुप क्यों?

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एक प्रश्न है. 20 अंकों का दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है. भय का माहौल है यह बोलने से साबित होता है या नहीं बोलने से साबित होता है. क्योंकि राहुल बजाज के बोलने के बाद कहा जाने लगा कि भय का माहौल होता तो आप बोल नहीं पाते. चूंकि आप बोल सके इसलिए भय का माहौल नहीं है. आप बोल पा रहे हैं इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि अमित शाह विस्तार से जवाब दे रहे हैं. इससे साबित होता है कि भय का माहौल नहीं है. 81 साल के राहुल बजाज ने सिर्फ डर के माहौल की बात नहीं कही बल्कि अपनी उस विरासत की रेखा भी खींच दी जहां से वे आते हैं. राहुल बजाज ने सिर्फ भय के माहौल की बात नहीं की बल्कि वो सवाल कर दिया जो आज के पत्रकार अमित शाह से शायद ही कर पाते. गांधी के हत्यारे को देशभक्त कहने को लेकर, साध्वी प्रज्ञा को टिकट देने को लेकर सवाल कर दिया. सामने अमित शाह बैठे थे जिन्होंने कहा था कि साध्वी प्रज्ञा को टिकट देना सत्याग्रह है. सवाल कर रहे थे राहुल बजाज जिनके दादा जमना लाल बजाज ने वर्धा में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की थी.



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