प्रकाशित: अप्रैल 02, 2019 10:15 PM IST | अवधि: 8:20
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हम आपको लगातार दिखा रहे हैं बीजेपी सांसदों के गोद लिए हुए गांवों की तस्वीर. विकास का पानी हर जगह जैसे ठहरा हुआ मिलता है. एक सड़क पक्की मिलती है, आगे बढ़ने पर कच्ची हो जाती है. डिस्पेंसरी मिलती है, लेकिन उस पर ताला जड़ा मिलता है. डॉक्टर नहीं मिलता, लेकिन डिस्पेंसरी की दीवार पर डॉक्टर का फोन नंबर मिलता है. फोन लगाने पर पता चलता है, डॉक्टर का ट्रांसफ़र हो चुका है. स्कूल कहीं नहीं मिलता, स्कूल का वादा मिलता है. ये हालत यूपी के बहराइच के मिहिरपुरवा गांव की है. इस गांव को बीजेपी की सांसद रही और अब कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री बाई फुले ने गोद लिया था. कहने की ज़रूरत नहीं कि ये पिछड़ा इलाक़ा है और यहां ज़्यादा काम करने की ज़रूरत है. लेकिन सारा काम अगर कागज़ों पर हो तो विकास आगे बढ़ जाता है, गांव पीछे छूट जाता है.