प्रकाशित: अगस्त 28, 2017 04:56 PM IST | अवधि: 43:25
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बात बदलाव की हो रही है, जो युवाओं के दम पर हो रहा है. और इस बदलाव की हवा को असली दम मिल रहा है उन लाखों करोड़ों युवतियों से जो हमारे-आपके बीच में ही हैं. इनके चेहरे अखबारों के पहले पन्नों पर नहीं छपते, इनकी बाइट लेने के लिए चैनल इनके पीछे नहीं भागते, लेकिन ये वो हैं जो बदलाव की नींव रख रही हैं. यही हैं जो नए समाज और नए संसार की इमारत खड़ी कर रही हैं. ये इमारत बुलंदियों को छूने के लिए तैयार की जा रही है, क्योंकि इसे बनाने वालों की बस एक ही ग़ुज़ारिश है, छूने दो आसमान!