विमुद्रीकरण (Demonitisation) के बाद यदि आपको लगता है कि मकान की कीमतें आगे चलकर और गिरेंगी तो आप गलत हो सकते हैं. यदि आप ऐसा घर लेना चाहते हैं जिसमें कि आप रहेंगे, तो यह प्रॉपर्टी खरीदने का सही वक्त है. यह कहना है एचडीएफसी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रेनु सूद कर्नाड का. देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने हमारे सहयोगी चैनल एनडीटीवी प्रॉफिट से बातचीत में यह बात कही. उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार हैं-
विमुद्रीकरण के असर से रीयल्टी सेक्टर कब तक उबर सकता है?
ईमानदारी से कहूं तो यह कह पाना मुश्किल है. हमें हर महीने लोगों की लोन के लिए फोन कॉल आती हैं.. लोग हमारी साइट पर आते हैं... वहां कुछ भी नहीं बदला है. जब तक लोगों का नई प्रॉपर्टी लेने और प्रॉपर्टी के लिए इलाके की सर्च करना जारी रहेगा, तब तक यह बहुत अच्छा रहेगा... हालांकि यह सच है कि फिलहाल मंदी है. लेकिन समझें कि जब भी आप प्रॉपर्टी की कीमतों या इंट्रेस्ट रेट (ब्याज दर) के कम होने की बात करते हैं तो लोग इंतजार करने लगते हैं. मुझे नहीं लगता कि प्रॉपर्टी के रेट कम होंगे. लोग रेट कम होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन ज्यादातर लोन आज भी फ्लोटिंग रेट बेसिस पर उपलब्ध हैं.
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यदि से 2 से 3 महीने बाद रेट कम भी होते हैं तो लोगों को इसका लाभ मिलेगा. तो मुझे लगता है कि यह हवा केवल लघु अवधि के लिए है. हमारे पास हाउसिंग सीमित है और लोग जरूरतों के लिए मुझे नहीं लगता 3 या 4 महीने से अधिक इंतजार करेंगे.
यदि आरबीआई (RBI) इंट्रेस्ट रेट कट करता है, तो क्या बैंक कस्टमर्स को इसका लाभ देंगे?
मैं एचडीएफसी के बारे में बात कर सकती हूं और कह सकती हूं कि हमने अतीत में जब भी ऐसा संभव हो सका है, किसी भी तरह के लाभ को ग्राहक तक पहुंचाया है और हम आगे भी जरूर ऐसा करेंगे. यह आपके फंड्स की कॉस्ट पर भी निर्भर करता है. यदि फंडिग की कॉस्ट कम होगी तो हम यह लाभ ग्राहक को देंगे और मुझे लगता है कि ऐसा करना जारी रखेंगे.