यूपी चुनाव 2017 : किसकी बनेगी सरकार? महिला ज्‍योतिषियों ने की भविष्‍यवाणी

वाराणसी:

उत्तर प्रदेश के चुनाव में जब सब अपना अपना योगदान कर रहे हैं तो ऐसे में भला ज्योतिषी कैसे पीछे रह सकते हैं और वो भी बनारस में, ऐसा हो ही नहीं सकता. पार्टियों ने भले ही आधी आबादी को इस चुनाव में उनके अनुपात के हिसाब से टिकट न दिये हो पर यहां सौ प्रतिशत महिला ज्योतिषियों ने नेताओं की कुंडली विचार कर ये बताने की कोशिश की कि यूपी का बादशाह कौन होगा.

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की कुंडली, अखिलेश यादव की कुंडली, मायावती की कुंडली, राहुल गांधी की कुंडली, इनके ग्रहों की चाल क्या कहती है, किसकी कुंडली में राजयोग है और किसकी कुंडली में नीच भंग राज योग है इसकी गणना काशी ज्योतिष विदुषी परिषद् के बैनर तले बैठी महिला ज्योतिषियों ने की. क्योंकि इनका कहना है कि कुंडली व्यक्ति के आईने की तरह होती है और उसके जीवन के हर उतार चढ़ाव को ग्रहों की चाल से पढ़ा जा सकता है. ज्योतिषाचार्य सोनाली दीक्षित कहती हैं कि पीएम मोदी, मायावती और अखिलेश का जन्मांग चक्र देखें तो चूंकि मायावती और अखिलेश दोनों की बुद्ध की महादशा चल रही है. मायावती के बुद्ध की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा है और अखिलेश के बुद्ध की महादशा है वो लग्नेश भी है, तो लग्न की दशा शुभ मानी जाती है, लिहाजा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अखिलेश की पार्टी आएगी.

लेकिन ये सिर्फ एक ज्योतिषी का मत है. यहां जुटी दूसरी ज्योतिषियों के राजनीतिक पार्टियों की तरह अलग-अलग मत निकल कर सामने आये. ग्रहों की चाल भी कोई पराशर विधि से कर रहा था तो कोई अंक गणित से तो कोई समसार शास्‍त्र से नेताओं के सत्ता में पहुंचने की चाल को नाप रहा था. चूंकि विधि अलग-अलग थी लिहाजा ग्रहों की इस चाल में किसी में मायावाती आगे नजर आ रही थी तो किसी में अखिलेश, लेकिन ज़्यादातर में पीएम मोदी ही अपनी बढ़त बनाते नजर आये. हरियाणा से यहां आई ज्योतिषाचार्य अंजलि सोनी कहती हैं कि मोदी जी की कुंडली में लग्न में मंगल और चंद्रमा बैठे हैं जो बलिष्ठ योग बना रहे हैं इसलिये मोदी जी की ही सरकार आएगी.

महिला ज्योतिषियों ने यहां नेतओं की कुंडली को पंचांग के सहारे अपनी अपनी विधि से अध्यन किया. हालांकि नेताओं की कुंडली पाने के लिये सभी ने सहारा गूगल का ही लिया. नेताओं की कुंडली का कौन सा ग्रह किसके भाव को ऊंचा और नीचा कर रहा था, किसकी दृष्टि वक्री है और कौन किसके लिये मारक है. इसकी गणना के बाद महिला ज्योतिषि‍यों की ये पंचायत भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. काशी ज्योतिष विदुषी परिषद की महासचिव स्वाति बरनवाल ने बताया कि सभी महिला विदुषी यहां इकट्ठा हुई थी.

भले ही सभी ज्योतिष हों और सभी ग्रहों की चाल देख कर ही भविष्य बता रहे हों पर नेताओं की तरह इनमें भी एका नहीं है. और ऐसा इसलिये भी है क्योंकि चुनाव में तो असल ज्योतिषी जनता होती है जो अपने बैलेट की चाल से नेताओं की तक़दीर बदलती है.


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