ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, मध्य प्रदेश में सरकार बनी तो CM के बारे में पार्टी नेतृत्व लेगा फैसला

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Madhavrao Scindia) ने मध्य प्रदेश में गुटबाजी की बात को खारिज कर दिया.

ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, मध्य प्रदेश में सरकार बनी तो CM के बारे में पार्टी नेतृत्व लेगा फैसला

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Madhavrao Scindia) ने मध्य प्रदेश में गुटबाजी की बात को खारिज कर दिया है.

नई दिल्ली :

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Madhavrao Scindia) ने मध्य प्रदेश में गुटबाजी की बात को खारिज कर दिया है और उन्होंने साफ कहा कि पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई में गुटबाजी ‘‘बीते समय की चीज'' है और विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए राज्य के समूचे पार्टी नेतृत्व ने ‘‘एकजुट मोर्चे'' की तरह काम किया है. उन्होंने कहा कि राज्य अब बदलाव चाहता है. आपको बता दें कि एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच नजदीकी मुकाबला दिख रहा है. एनडीटीवी के पोल ऑफ एग्जिट पोल्स के मुताबिक राज्य की 230 सीटों में से भाजपा को 110 सीटें मिलती दिख रही हैं. तो कांग्रेस को 109 सीटें मिल सकती हैं. जबकि बीएसपी के खाते में दो और अन्य के खाते में 9 सीटें जा सकती हैं. मतगणना 11 दिसंबर को होगी.

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कांग्रेस के जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि अभी इस तरह के सवालों का कोई मतलब नहीं है. कहा, ‘‘एक बार लक्ष्य हासिल हो जाने पर (मुख्यमंत्री के बारे में) अगले कदम को लेकर फैसला करना पार्टी नेतृत्व का काम है''. सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) मध्य प्रदेश में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में से एक हैं जिन्होंने 2014 में भाजपा के पक्ष में जबर्दस्त चुनावी लहर के बावजूद लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में सिंधिया और कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद के मुख्य दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत की स्थिति में पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री का चयन कुछ वरिष्ठ नेताओं को निराश कर सकता है, सिंधिया ने कहा, ‘‘बिल्कुल नहीं. सबको यह समझना चाहिए कि हमें अपने विगत से सीखना है. पूर्व में हम पार्टी के भीतर गुटबाजी का सामना कर चुके हैं.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, ‘‘मैंने स्वीकार किया है कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में हमारे भाजपा को टक्कर न दे पाने का एक कारण यह था कि हम अच्छी तरह मिलकर काम नहीं कर रहे थे, लेकिन अब यह गुजरे समय की बात है।'' सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में राज्य नेतृत्व ने एकजुट कांग्रेस के रूप में काम किया है. मध्य प्रदेश के एग्जिट पोल की बात करें तो न्यूज एक्स- नेटा के पोल के मुताबिक बीजेपी को 106, कांग्रेस को 112 और बीएसपी को 4 सीटें मिल सकती हैं. जबकि अन्य के खाते में 8 सीटें जा सकती हैं. वहीं,  इंडिया टुडे-एक्सिज माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी को 102-120 के आसपास सीटें मिल सकती हैं. तो दूसरी तरफ, कांग्रेस के खाते में 104-122, बीएसपी के खाते में 1-3 और अन्य के खाते में 3-8 सीटें जा सकती हैं. 

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रिपब्लिक-सी वोटर के एग्जिट पोल पर नजर डालें तो बीजेपी को 90-106, कांग्रेस को 110-126 और अन्य के खाते में 6-22 सीटें जा सकती हैं. टाइम्स नाऊ-सीएनएक्स के पोल की बात करें तो बीजेपी को 126, कांग्रेस को 89, बीएसपी को 6 और अन्य दलों को 9 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह, रिपब्लिक टीवी-जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी को 108-128, कांग्रेस को 95-115 और अन्य को 7 सीटें मिलती दिख रही हैं. एबीपी न्‍यूज और सीएसडीएस के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी के खाते में 94 सीटें आती दिख रही हैं जबकि कांग्रेस यहां 126 सीटें हासिल करती दिख रही है. अन्‍य के खाते में 10 सीटें जा रही हैं. (इनपुट- भाषा से भी)

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