बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शायद इस सबसे भलीभांति परिचित हैं कि फ़िलहालजो भी प्रवासी मज़दूर बाहर फंसे हुए हैं या बिहार लाखों की संख्या में वापस लौटे हैं उनके मन में अपने मुख्यमंत्री को लेकर काफ़ी तल्ख़ी है और इसके कारण दो बताए जा रहे हैं. एक जो उन्होंने मार्च महीने में विशेष ट्रेनों के आवागमन पर रोक लगवाई और दूसरा उन्हें वापस लाने में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री की तरह कभी उत्सुकता और उत्साह नहीं दिखाया.
लेकिन अब नीतीश कुमार डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं. शनिवार को उन्होंने क्वारंटाइन कैंप में रह रहे इन मज़दूरों से रूबरू होते हुए कहा कि आप लोग बाहर जाकर काम कर रहे थे आपको वहां कष्ट झेलना पड़ा है. आप सभी लोग बिहार के विकास में भागीदार बनें. सभी की सुरक्षा हमारा दायित्व है. हमेशा आपकी चिंता करते हैं. नीतीश शनिवार को लगातार दूसरे दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न क्वारंटाइन केंद्रों का निरीक्षण कर रहे थे और प्रवासी मज़दूरों के साथ थोड़े-थोड़े समय के लिए संवाद भी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि सभी को बिहार में ही रोज़गार उपलब्ध कराया जाए. इसके लिए जो लोग क्वारंटाइन केंद्र में रह रहे हैं उन सभी का पूरा सर्वे कराया जा रहा है. कौन कहां से आया है और क्या रोज़गार करता था, उनको वैसा ही रोज़गार यहां उपलब्ध कराने की कोशिश होगी.
नीतीश कुमार ने इन लोगों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि बिहार में सूक्ष्म और लघु उद्योग की असीम संभावनाएं हैं. जैसे मुज़फ़्फ़रपुर में चमड़ा जूता उद्योग और कपड़ा उद्योग की अपार संभावनाएं हैं. इनसे संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने बाहर के राज्यों में जो बिहारी बिजली का काम कर रहे थे उन्हें रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी को निर्देश दिया. हालांकि इस संवाद के दौरान कई लोगों ने इन केंद्रों में मिल रहे सुविधा की तारीफ़ भी की.
हालांकि बिहार में अब हर दिन क़रीब डेढ़ लाख प्रवासी मज़दूर लौट रहे हैं. हर दिन नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ उनके नारे या अपने आक्रोश को व्यक्त करते हुए वीडियो वायरल होते हैं. नीतीश कुमार के समर्थक भी मानते हैं कि मज़दूर चाहे जिस राज्य में हो उनके बीच एक पर्सेप्शन शुरू में ये बन गया कि नीतीश अपने लोगों को वापस लाने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते. इसके बाद अब सीधा संवाद कर उनके बीच एक संदेश दिया जा रहा है कि नीतीश कुमार उनकी चिंता ही नहीं करते बल्कि भविष्य में भी उनका ख़्याल रखेंगे.
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