Dhanteras 2018: धनतेरस पर सुनें ये मंत्र और भजन
खास बातें
- 5 नवंबर को है धनतेरस
- 7 नवंबर को है दीवाली
- धनवंतरि की होती है पूजा
नई दिल्ली: दीपों के त्योहार दिवाली (Diwali) को 7 नवंबर को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. धनतेरस (Dhanteras) के दिन बर्तन, सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन लक्ष्मी (Lakshmi Puja) और कुबेर की पूजा भी की जाती है ताकि घर में सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास हो सके. धनतेरस के दिन ही धन्वन्तरि (Dhanvantari) की पूजा भी की जाती है जिसे बहुत अहम माना जाता है. भगवान धन्वन्तरि की पूजा का समय शाम 6:20 बजे से रात 8:17 बजे तक है. धनतेरस के मौके पर लक्ष्मी भजन और मंत्रों का जाप होता है. धनतेरस (Dhanteras) के दौरान धन्वन्तरि की पूजा के लिए भी श्री धनवंतरि मंत्र है. इस मौके के लिए कई बड़े संगीतकारों ने भजन और मंत्र लयबद्ध किए हैं.
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धनतेरस (Dhanteras) क्यों मनाया जाता है
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि का जन्म हुआ था. मान्यता है कि जब धन्वन्तरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत कलश था. इसी वजह से धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा मानी जाती है. धन्वन्तरि को देवताओं का चिकित्सक भी माना जाता है. भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस रूप में घोषित कर रखा है. माना जाता है कि दीप जलाकर और मंत्रोच्चारण करके भगवान धनवंतरि की को प्रसन्न किया जा सकता है.
धनतेरस (Dahnteras) के मंत्र और पूजा
धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोने-चांदी का सामान खरीदा जाता है, और घर में नए बर्तन भी लाए जाते हैं. धनतेरस दिवाली से दो दिन पहले आता है. यूट्यूब पर लक्ष्मी मैया की आरती से लेकर लक्ष्मी मंत्र और श्री धन्वन्तरि मंत्र तक मौजूद हैं. मान्यता है कि इनके उच्चारण और सुनने से जीवन में सुख-समृद्धि के साथ ही स्वास्थ्य सारे शारीरिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं. धनतेरस के मौके पर इन मंत्रों और आरतियों का जाप किया जाता है ताकि घर से अंधकार को दूर करके, उजाले का वास हो सके.
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