Film Review : कमजोर स्क्रिप्ट और सुस्त रफ्तार वाली 'फिरंगी' में कुछ भी खास नहीं

फिल्म फिरंगी में शायद कपिल शर्मा अपने अभिनय की क्षमता को दिखाना चाहते थे, मगर कॉमेडी ही उनका सबसे मजबूत हथियार

Film Review : कमजोर स्क्रिप्ट और सुस्त रफ्तार वाली 'फिरंगी' में कुछ भी खास नहीं

मुंबई:

फिल्म फिरंगी की कहानी है मंगत राम की, जिसके पास कोई काम नहीं है और इस वजह से उसे लोग 'वेला' यानी बिना काम का कहते हैं, मगर उसके पास एक गुण है. मंगा अपने पैरों से मारकर किसी की कमर या पीठ का दर्द ठीक कर देता है. उसके इस गुण की वजह से मंगा को ब्रिटिश पुलिस में अर्दली की नौकरी मिल जाती है. इसी बीच मंगा को सर्गी नाम की एक लड़की से प्यार हो जाता है.

फ़िल्म फ़िरंगी की कहानी आज़ादी से पहले 1920 में पंजाब के एक गांव की पृष्ठिभूमि पर रची गई है. इसका निर्देशन किया है राजीव ढींगरा ने. अगर हम इसके विजुअल की तरफ देखें तो वाकई लगता है कि हम पंजाब के गांव को देख रहे हैं. इस देश के सबसे बड़े कॉमेडियन कपिल शर्मा से मुझे उम्मीद थी कि कहानी भले ही 1920 में सेट हो मगर हमें कॉमेडी का कुछ डोज़ मिलेगा मगर इसमें कुछ गिने चुने दृश्यों के अलावा कोई कॉमेडी नहीं है. ये गिने चुने दृश्य भी परिस्थिति की वजह से हंसाते हैं. फिल्म में रोमांस को जिस तरह दर्शाया गया, वो ठीक लगता है क्योंकि उस ज़माने में प्यार इसी तरह आंखों-आंखों में होता था.

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इस फिल्म के ज़रिए शायद कपिल शर्मा अपने अभिनय की क्षमता को दिखाना चाहते हों मगर मगर फिल्म देखकर मुझे ऐसा लगा कि कॉमेडी उनका सबसे मजबूत हथियार है. स्क्रिप्ट की अगर बात करें तो वो भी कमजोर है और कहानी लंबी हो गई. फिल्म की रफ्तार भी सुस्त है. फ़िल्म का कोई भी हिस्सा दिल को छूने में नाकाम रहा है.

VIDEO : निराश करती 'फिरंगी'

अगर आप कपिल शर्मा के फैन हैं तो आप फिल्म देखिए और खुद फैसला कीजिए कि कपिल को फ़िल्म में भी कॉमेडी पर टिके रहना चाहिए या उन्हें इस तरह के और प्रयोग करने चाहिए. फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 1.5 स्टार.


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