Madhubala Google Doodle: मधुबाला (Madhubala) से जुड़ी 10 बातें...
1. वेलेंटाइन डे वाले दिन जन्मीं मधुबाला (Madhubala) के हर अंदाज में प्यार झलकता था. उनमें बचपन से ही सिनेमा में काम करने की तमन्ना थी, जो आखिरकार पूरी हो गई. मुमताज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1942 की फिल्म 'बसंत' से की थी. यह काफी सफल फिल्म रही और इसके बाद इस खूबसूरत अदाकारा की लोगों के बीच पहचान बनने लगी.
2. मधुबाला (Madhubala) के अभिनय को देखकर उस समय की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी बहुत प्रभावित हुई और मुमताज जेहान देहलवी को अपना नाम बदलकर 'मधुबाला' के नाम रखने की सलाह दी.
3. साल 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' मुमताज के नाम से उनकी आखिरी फिल्म थी. इसके बाद वह मधुबाला (Madhubala) के नाम से जानी जाने लगीं. इस फिल्म में महज चौदह वर्ष की मधुबाला ने राजकपूर के साथ काम किया.
4. 'नील कमल' में अभिनय के बाद से (Madhubala) सिनेमा की 'सौंदर्य देवी' कहा जाने लगा. इसके दो साल बाद मधुबाला ने बॉम्बे टॉकिज की फिल्म 'महल' में अभिनय किया और फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उस समय के सभी लोकप्रिय पुरुष कलाकारों के साथ उनकी एक के बाद एक फिल्में आती रहीं.
5. मधुबाला (Madhubala) ने उस समय के सफल अभिनेता अशोक कुमार, रहमान, दिलीप कुमार और देवानंद जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था. वर्ष 1950 के दशक के बाद उनकी कुछ फिल्में असफल भी हुईं. असफलता के समय आलोचक कहने लगे थे कि मधुबाला में प्रतिभा नहीं है बल्कि उनकी सुंदरता की वजह से उनकी फिल्में हिट हुई हैं.
6. इन सबके बाबजूद मधुबाला (Madhubala) कभी निराश नहीं हुईं. कई फिल्में फ्लॉप होने के बाद 1958 में उन्होंने एक बार फिर अपनी प्रतिभा को साबित किया और उसी साल उन्होंने भारतीय सिनेमा को 'फागुन', 'हावड़ा ब्रिज', 'काला पानी' और 'चलती का नाम गाड़ी' जैसी सुपरहिट फिल्में दीं.
7. वर्ष 1960 के दशक में मधुबाला (Madhubala) एक भयानक रोग से पीड़ित हो गई. शादी के बाद रोग के इलाज के लिए दोनों लंदन चले गए. लंदन के डॉक्टर ने मधुबाला को देखते ही कह दिया कि वह दो साल से ज्यादा जीवित नहीं रह सकतीं.
8. इसके बाद लगातार जांच से पता चला कि मधुबाला (Madhubala) के दिल में छेद है और इसकी वजह से इनके शरीर में खून की मात्रा बढ़ती जा रही थी. डॉक्टर भी इस रोग के आगे हार मान गए और कह दिया कि ऑपरेशन के बाद भी वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगी. इसी दौरान उन्हें अभिनय छोड़ना पड़ा. इसके बाद उन्होंने निर्देशन में हाथ आजमाया.
9. साल 1969 में मधुबाला (Madhubala) ने फिल्म 'फर्ज' और 'इश्क' का निर्देशन करना चाहा, लेकिन यह फिल्म नहीं बनी और इसी वर्ष अपना 36वां जन्मदिन मनाने के नौ दिन बाद 23 फरवरी,1969 को बेपनाह हुस्न की मल्लिका दुनिया को छोड़कर चली गईं.
10. मधुबाला (Madhubala) ने लगभग 70 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने 'बसंत', 'फुलवारी', 'नील कमल', 'पराई आग', 'अमर प्रेम', 'महल', 'इम्तिहान', 'अपराधी', 'मधुबाला', 'बादल', 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'जाली नोट', 'शराबी' और 'ज्वाला' जैसी फिल्मों में अभिनय से दर्शकों को अपनी अदा का कायल कर दिया.
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