Kaifi Azmi Shayari: 'बस्ती में अपनी हिन्दू मुसलमां जो बस गए...' पढ़ें कैफ़ी आज़मी की फेमस शायरी

Kaifi Azmi Shayari: कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi Birthday) की 101वीं जयंती पर गूगल ने डूडल (Gooogle Doodle Celebrates Kaifi Azmi) बनाकर उन्हें याद किया है. पढ़ें मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी के 10 शेर...

Kaifi Azmi Shayari: 'बस्ती में अपनी हिन्दू मुसलमां जो बस गए...' पढ़ें कैफ़ी आज़मी की फेमस शायरी

Google Doodle Kaifi Azmi: कैफ़ी आज़मी की जयंती पर 10 मशहूर शेर

खास बातें

  • कैफ़ी आज़मी की आज है 101वीं जयंती
  • कैफ़ी आज़मी के जन्मदिन पर सुनिए फेमस शायरी
  • 20वीं सदी के प्रसिद्ध शायर थे कैफ़ी आज़मी
नई दिल्ली:

Kaifi Azmi's 101st Birthday: मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) की आज 101वीं जयंती है. गूगल ने डूडल बनाकर महान शायर कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi Google Doodle) को याद किया है. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पैदा हुए सैयद अतहर हुसैन रिजवी यानी कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi Birth Anniversary) ने अपने लेखन के जरिए खूब नाम कमाया. कैफ़ी आज़मी  प्रेम की कविताओं से लेकर बॉलीवुड गीत, पटकथा लिखने में माहिर थे. 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध शायरों में एक कैफ़ी आज़मी ने अपनी पहली कविता 11 साल की उम्र में लिखी थी. कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi Poems) उस वक्त 1942 में हुए महात्मा गांधी के भारत छोड़ा आंदोलन से प्रेरित थे. कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi 101st Birthday) के जन्मदिन पर पढ़िये उनके ये 5 फेमस शेयर...

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बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में 
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में

बस्ती में अपनी हिन्दू मुसलमां जो बस गए 
इंसां की शक्ल देखने को हम तरस गए 

मुद्दत के बाद उस ने जो की लुत्फ़ की निगाह 
जी ख़ुश तो हो गया मगर आंसू निकल पड़े 

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झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं 
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं 

कोई तो सूद चुकाए कोई तो ज़िम्मा ले 
उस इंक़लाब का जो आज तक उधार सा है 

पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था 
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा 

जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ 
यहाँ तो कोई मिरा हम-ज़बाँ नहीं मिलता 

ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उस की धूप 
क़द्र-ए-वतन हुई हमें तर्क-ए-वतन के बाद 

बेलचे लाओ खोलो ज़मीं की तहें 
मैं कहाँ दफ़्न हूँ कुछ पता तो चले 

जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क 
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े 

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