अगर आप वाहन सही तरीके से, कम व्यस्त समय में और कम दूरी तक चलाते हैं, तो भविष्य में आपको मोटर बीमा प्रीमियम कम देना पड़ सकता है. बीमा नियामक इरडा ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत मोटर बीमा प्रीमियम 'ब्लैक बॉक्स' आधारित गाड़ी चलाने की आदत की वास्तविक समय पर निगरानी, वाहन के उपयोग तथा तय की गई दूरी जैसी बातों पर निर्भर करेगी.
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इस बारे में लोगों से राय मांगी है. इसमें अन्य बातों के अलावा यह पूछा गया है कि आखिर सावधानी से और कम दूरी तक गाड़ी चलाने वाले तथा सामान्य रूप से कम व्यस्त समय में गाड़ी चलाने वाले चालक से उतना ही प्रीमियम क्यों लिया जाए, जो लापारवाही से वाहन चलाते हैं.
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फिलहाल देश में वाहन बीमा का प्रीमियम वाहन के निर्माण और मॉडल, उसकी क्षमता और भौगोलिक उपयोग जैसे मानकों पर आधारित है. इरडा ने वाहन बीमा प्रीमियम का निर्धारण करने के लिए 'टेलीमैटिक्स' की धारणा देते हुए कहा है, 'ग्राहकों की गाड़ी चलाने की आदत अलग-अलग है. साथ ही वाहनों के उपयोग भी अलग-अलग हैं. ये चीजें कई कारकों पर निर्भर है, जिसमें परिवहन का नया रूप, डेमोग्राफिक बदलाव, व्यक्ति अपनी कार चला रहा है या दूसरे की आदि शामिल हैं.' टेलीमेटिक्स से आशय वाहनों के लिए दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के एकीकृत उपयोग से है. इसका उपयोग वास्तिवक समय पर जानकारी देने, सड़क पर सहायता तथा वाहनों पर नजर रखने में किया जाता है.
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टेलीमेटिक्स बीमा को 'ब्लैक बॉक्स बीमा', जीपीएस कार बीमा, स्मार्ट बॉक्स बीमा, गाड़ी चलाने के हिसाब से भुगतान तथा उपयोग आधारित बीमा समेत अन्य नाम नामों से भी जाना जाता है. इस टेक्नोलॉजी को 2000 में ब्रिटेन और अमेरिका में पेश किया गया. इटली और दक्षिण अफ्रीका में भी इसका उपयोग हो रहा है. इरडा ने इस बारे में 8 सितंबर तक टिप्पणी मांगी है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)